आलू ............
भारत और विश्व में आलू विख्यात है और अधिक उपजाया जाता है. यह अन्य सब्जियों के मुकाबले सस्ता मिलता लेकिन गुणों से भरपूर . आलू से मोटापा नहीं बढ़ता. आलू को तलकर तीखे मसाले, घी आदि लगाकर खाने से जो चिकनाई पेट में जाती है, वह चिकनाई मोटापा बढ़ाती है. आलू को उबालकर अथवा गर्म रेत या राख में भूनकर खाना लाभदायक और निरापद है.
आलू में विटामिन बहुत होता है. आलू को छिलके सहित गरम राख में भूनकर खाना सबसे अधिक गुणकारी है. इसको छिलके सहित पानी में उबालें और गल जाने पर खाएं। इसको मीठे दूध में भी मिलाकर पिला सकते हैं.
आलुओं में प्रोटीन होता है, सूखे आलू में 8.5 प्रतिशत प्रोटीन होता है. आलू का प्रोटीन बूढ़ों के लिए बहुत ही शक्ति देने वाला और बुढ़ापे की कमजोरी दूर करने वाला होता है.
आलू में कैल्शियम, लोहा, विटामिन-बी तथा फास्फोरस बहुतायत में होता है. आलू खाते रहने से रक्त वाहिनियां बड़ी आयु तक लचकदार बनी रहती हैं तथा कठोर नहीं होने पातीं.
यदि दो-तीन आलू उबालकर छिलके सहित थोड़े से दही के साथ खा लिए जाएं तो ये एक संपूर्ण आहार का काम करते हैं.
आलू के छिलके ज्यादातर फेंक दिए जाते हैं, जबकि अच्छी तरफ साफ़ किये छिलके सहित आलू खाने से ज्यादा शक्ति मिलती है. जिस पानी में आलू उबाले गए हों, वह पानी न फेंकें, बल्कि इसी पानी से आलुओं का रस बना लें. इस पानी में मिनरल और विटामिन बहुत होते हैं.
आलू पीसकर, दबाकर, रस निकालकर एक चम्मच की एक खुराक के हिसाब से चार बार नित्य पिएं, बच्चों को भी पिलाएं, ये कई बीमारियों से बचाता है. कच्चे आलू को चबाकर रस को निगलने से भी बहुत लाभ मिलता है.
कुछ अन्य:
- कभी-कभी चोट लगने पर नील पड़ जाती है। नील पड़ी जगह पर कच्चा आलू पीसकर लगाएँ.
- शरीर पर कहीं जल गया हो, तेज धूप से त्वचा झुलस गई हो, त्वचा पर झुर्रियां हों या कोई त्वचा रोग हो तो कच्चे आलू का रस निकालकर लगाने से फायदा होता है।.
-भुना हुआ आलू पुरानी कब्ज और अंतड़ियों की सड़ांध दूर करता है. आलू में पोटेशियम साल्ट होता है जो अम्लपित्त को रोकता है.
-चार आलू सेंक लें और फिर उनका छिलका उतार कर नमक, मिर्च डालकर नित्य खाएं। इससे गठिया ठीक हो जाता है.
-गुर्दे की पथरी में केवल आलू खाते रहने पर बहुत लाभ होता है. पथरी के रोगी को केवल आलू खिलाकर और बार-बार अधिक पानी पिलाते रहने से गुर्दे की पथरियाँ और रेत आसानी से निकल जाती हैं.
-उच्च रक्तचाप के रोगी भी आलू खाएँ तो रक्तचाप को सामान्य बनाने में लाभ करता है.
-आलू को पीसकर त्वचा पर मलें। रंग गोरा हो जाएगा.
- कच्चा आलू पत्थर पर घिसकर सुबह-शाम काजल की तरह लगाने से 5 से 6 वर्ष पुराना जाला और 4 वर्ष तक का फूला 3 मास में साफ हो जाता है.
भारत और विश्व में आलू विख्यात है और अधिक उपजाया जाता है. यह अन्य सब्जियों के मुकाबले सस्ता मिलता लेकिन गुणों से भरपूर . आलू से मोटापा नहीं बढ़ता. आलू को तलकर तीखे मसाले, घी आदि लगाकर खाने से जो चिकनाई पेट में जाती है, वह चिकनाई मोटापा बढ़ाती है. आलू को उबालकर अथवा गर्म रेत या राख में भूनकर खाना लाभदायक और निरापद है.
आलू में विटामिन बहुत होता है. आलू को छिलके सहित गरम राख में भूनकर खाना सबसे अधिक गुणकारी है. इसको छिलके सहित पानी में उबालें और गल जाने पर खाएं। इसको मीठे दूध में भी मिलाकर पिला सकते हैं.
आलुओं में प्रोटीन होता है, सूखे आलू में 8.5 प्रतिशत प्रोटीन होता है. आलू का प्रोटीन बूढ़ों के लिए बहुत ही शक्ति देने वाला और बुढ़ापे की कमजोरी दूर करने वाला होता है.
आलू में कैल्शियम, लोहा, विटामिन-बी तथा फास्फोरस बहुतायत में होता है. आलू खाते रहने से रक्त वाहिनियां बड़ी आयु तक लचकदार बनी रहती हैं तथा कठोर नहीं होने पातीं.
यदि दो-तीन आलू उबालकर छिलके सहित थोड़े से दही के साथ खा लिए जाएं तो ये एक संपूर्ण आहार का काम करते हैं.
आलू के छिलके ज्यादातर फेंक दिए जाते हैं, जबकि अच्छी तरफ साफ़ किये छिलके सहित आलू खाने से ज्यादा शक्ति मिलती है. जिस पानी में आलू उबाले गए हों, वह पानी न फेंकें, बल्कि इसी पानी से आलुओं का रस बना लें. इस पानी में मिनरल और विटामिन बहुत होते हैं.
आलू पीसकर, दबाकर, रस निकालकर एक चम्मच की एक खुराक के हिसाब से चार बार नित्य पिएं, बच्चों को भी पिलाएं, ये कई बीमारियों से बचाता है. कच्चे आलू को चबाकर रस को निगलने से भी बहुत लाभ मिलता है.
कुछ अन्य:
- कभी-कभी चोट लगने पर नील पड़ जाती है। नील पड़ी जगह पर कच्चा आलू पीसकर लगाएँ.
- शरीर पर कहीं जल गया हो, तेज धूप से त्वचा झुलस गई हो, त्वचा पर झुर्रियां हों या कोई त्वचा रोग हो तो कच्चे आलू का रस निकालकर लगाने से फायदा होता है।.
-भुना हुआ आलू पुरानी कब्ज और अंतड़ियों की सड़ांध दूर करता है. आलू में पोटेशियम साल्ट होता है जो अम्लपित्त को रोकता है.
-चार आलू सेंक लें और फिर उनका छिलका उतार कर नमक, मिर्च डालकर नित्य खाएं। इससे गठिया ठीक हो जाता है.
-गुर्दे की पथरी में केवल आलू खाते रहने पर बहुत लाभ होता है. पथरी के रोगी को केवल आलू खिलाकर और बार-बार अधिक पानी पिलाते रहने से गुर्दे की पथरियाँ और रेत आसानी से निकल जाती हैं.
-उच्च रक्तचाप के रोगी भी आलू खाएँ तो रक्तचाप को सामान्य बनाने में लाभ करता है.
-आलू को पीसकर त्वचा पर मलें। रंग गोरा हो जाएगा.
- कच्चा आलू पत्थर पर घिसकर सुबह-शाम काजल की तरह लगाने से 5 से 6 वर्ष पुराना जाला और 4 वर्ष तक का फूला 3 मास में साफ हो जाता है.
( hari krishnamurthy K. HARIHARAN)"
'' When people hurt you Over and Over
think of them as Sand paper.
They Scratch & hurt you,
but in the end you are polished and they are finished. ''
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