बैंगन (BRINJAL)-
बैंगन विश्व के सभी उष्ण क्षेत्रों में पाया जाता है तथा भारत में विस्तृत रूप से शाक के रूप में इसकी खेती की जाती है | फल के आकार तथा रंग के भेद से यह कई प्रकार का होता है | इसका पुष्पकाल एवं फलकाल कृषि अवस्था के ३-४ माह बाद होता है |
इसके बीजों में ल्यूपोल,मेलोंगोसाईड नामक ग्लाइकोसाइड तथा सैपोनिन पाया जाता है | इसके फल में सोलासोडिन,वसा,प्रोटीन, विटामिन A ,B ,C,कैल्शियम,फॉस्फोरस,कार्बोहाइड्रेट तथा सोलनिन पाया जाता है |
बैंगन के कुछ औषधीय प्रयोग -
१- बैंगन की सब्जी में लहसुन और हींग का छौंक लगाकर खाने से अफारा,गैस आदि दूर हो जाती है |
२- बैंगन को धीमी आग पर पकाकर खाने से कब्ज दूर हो जाती है |
३- बैंगन को जलाकर पीसकर कपड़े से छान लें | इसे बवासीर के मस्सों पर लगाने से दर्द में लाभ होता है |
४- बैंगन और टमाटर का सूप पीने से मंदाग्नि मिटती है और खाना सही से पचने लगता है |
५- लम्बा बैंगन श्रेष्ठ होता है,यह पाचनशक्ति और खून को बढ़ाता है |
think of them as Sand paper.
They Scratch & hurt you,
but in the end you are polished and they are finished. ''
No comments:
Post a Comment