जय जवान और जय किसान का नारा लगाने वाले देश में मीडिया परेशान है
कि सनी लियोन के साथ कोई हीरोइन काम क्यों नहीं करना चाहतीं ?
जनता परेशान है कि टमाटर साठ रूपये किलो क्यों हो गये,
नेताभक्त परेशान हैं कि कोई उनके नेता के विरोध में तो नहीं बोल रहा.....
लेकिन इसी देश का एक किसान अपने बेटे से कहता है, "बेटा कभी किसान मत बनना" !!! क्योंकि मीडिया और जनता को किसानों से कोई सरोकार नहीं है शायद इसलिए वह मौत को गले लगा लेता है |
क्योंकि वह अकेला पड़ गया है आज |
क्योंकि वह अजनबी हो गया है इस देश के लिए | क्योंकि वह अनाथ हो गया है आज |
तेलंगाना के मेडक जिले में तीन हफ्ते पहले रयावरम गांव में 7 साल के वाम्शी के पिता उससे मिलने स्कूल में आए।
वह उसे पास की चाय की दुकान पर ले गए, उसे एक बन और चाय दिलाई, पांच रुपये दिए और कहा कि मन लगाकर पढ़ना।
उसके बाद अचानक उन्होंने कहा, 'कभी किसान मत बनना।'
लौटते हुए स्कूल के गेट पर उन्हें वाम्शी के टीचर कृष्णा मिले। कृष्णा ने एनडीटीवी को बताया, 'उन्होंने मुझे नमस्ते की और कहा कि देखना, वाम्शी अच्छे से पढ़ाई करे।
उसके बाद उन्होंने अपने बेटे को विदा कहा और चले गए।
आधे घंटे बाद हमें खबर मिली कि उन्होंने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।'
वादों और योजनाओं के बावजूद देश में किसानों की आत्महत्या के मामलों में कमी नहीं देखी जा रही है।
इस वजह से लोग तेजी से खेती छोड़ रहे हैं।
2001 से 2011 के बीच देश में करीब 90 लाख लोगों ने खेती छोड़ी।
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