चावल -
यह मूलतः भारत एवं चीन में पाया जाता है | इसकी विश्व के सभी उष्ण कटिबंधीय एवं उप उष्णकटिबंधीय देशों में कृषि होती है | चावल के शीतल एवं शक्तिवर्धक होने की वजह से इसका प्रयोग प्राचीन काल से भोज्य के रूप में किया जा रहा है । आयुर्वेद की संहिताओं में चावल के कई भेदों का उल्लेख प्राप्त होता है | धान को ओखली में या मशीनों द्वारा पीसकर उसके ऊपर के छिलकों को अलग किया जाता है | बिना छिलकों के धान के दानों को चावल कहा जाता है | यह मुख्यतः बारिश के मौसम की फसल है | आयुर्वेद के अनुसार केवल ६० दिनों में तैयार होने वाले साठी चावल अधिक गुणकारी माने जाते हैं | कारखाने में पॉलिश किये गए चावलों की अपेक्षा हाथकूट के चावल उत्तम होते हैं |
आईये जानतें हैं चावल के कुछ औषधीय गुण -
यह मूलतः भारत एवं चीन में पाया जाता है | इसकी विश्व के सभी उष्ण कटिबंधीय एवं उप उष्णकटिबंधीय देशों में कृषि होती है | चावल के शीतल एवं शक्तिवर्धक होने की वजह से इसका प्रयोग प्राचीन काल से भोज्य के रूप में किया जा रहा है । आयुर्वेद की संहिताओं में चावल के कई भेदों का उल्लेख प्राप्त होता है | धान को ओखली में या मशीनों द्वारा पीसकर उसके ऊपर के छिलकों को अलग किया जाता है | बिना छिलकों के धान के दानों को चावल कहा जाता है | यह मुख्यतः बारिश के मौसम की फसल है | आयुर्वेद के अनुसार केवल ६० दिनों में तैयार होने वाले साठी चावल अधिक गुणकारी माने जाते हैं | कारखाने में पॉलिश किये गए चावलों की अपेक्षा हाथकूट के चावल उत्तम होते हैं |
आईये जानतें हैं चावल के कुछ औषधीय गुण -
परोपकाराय फलन्ति वृक्षा: परोपकाराय वहन्ति नद्यः।
परोपकाराय दुहन्ति गावः परोपकाराय इदं शरीरम्।।
( hari krishnamurthy K. HARIHARAN)"
'' When people hurt you Over and Over
think of them as Sand paper.
They Scratch & hurt you,
but in the end you are polished and they are finished. ''
think of them as Sand paper.
They Scratch & hurt you,
but in the end you are polished and they are finished. ''
யாம் பெற்ற இன்பம் பெருக வையகம்
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