I am committed to help others as much I can and bring smile in their faces..when no one is following you,you walk alone on your path with full sincerity,honesty and commitment and the world would automatically fall behind you.Do send in your comments about the blog and suggest me ways to make it more interesting and inspiring.Be kind to others and God would be with you always. Om Parashakti Namo Namaha.
Thursday, 31 July 2014
10 வேட்டி தான் சொந்தம்- நாடும், நாட்டு மக்களுமே என் சொந்தம் என்று வாழ்ந்து சென்றவர் காமராஜர்
10 வேட்டி தான் சொந்தம்
************************************
அரசியல் வாதிகள் என்றாலே, அவர்கள் வாழும் சொகுசு பங்களாக்களும், அவர்கள் `பந்தா' வாக வந்து செல்லும் "ஸ்கார்பியோ'' வகை வாகனங்களும் தான் மக்கள் கண் முன்பு வருகிறது. இப்படியெல்லாம் இல்லாமல் நாடும், நாட்டு மக்களுமே என் சொந்தம் என்று வாழ்ந்து சென்றவர் காமராஜர்.
அவருக்கு சொந்தமாக என்ன-எவை இருந்தன என்று பலரும் ஆய்வு செய்த போது ஆச்சரியமூட்டும் தகவல்கள் தான் கிடைத்தன.
* 50 ஆண்டுகளாக திருமணம் செய்யாமல், பூர்வீக வீட்டு பக்கம் செல்லாமல் நாடு, நாடு என்று ஓடிக்கொண்டே இருந்தார். எனவே 50 ஆண்டு கால தேச சேவையே காமராஜருக்கு முதன்மையான சொத்தாக இருந்தது.
* 9 ஆண்டுகள் சிறைவாசம் செய்த தியாகம் அவருக்குச் சொந்தம்.
* 12 ஆண்டுகள் தமிழ்நாடு காங்கிரஸ் தலைவர் பதவி வகித்து காங்கிரஸ் பேரியக்கத்தைக் கட்டிக்காத்த பெருமை அவருக்குச் சொந்தம்!
* 9 ஆண்டுக்காலம் தமிழக முதல்-அமைச்சராக இருந்து வரலாறு காணாத சாதனைகளை நிகழ்த்தி, கல்வியையும், தொழிலையும், விவசாயத்தையும் பெருக்கி, அன்னைத்தமிழை அரியணையில் ஏற்றி, அகில இந்தியாவுக்கும் முன்னுதாரணமாக விளங்கி, அனைவரது பாராட்டுகளும் பெற்ற பெருமைகளும் அவருக்குச் சொந்தம்!
* 6ஆண்டுக்காலம் அகில இந்திய காங்கிரஸ் தலைவராக இருந்து, அந்தக்குறுகிய காலத்திற்குள்ளேயே நூறாண்டுச் சாதனைகளைச் செய்து, இரண்டு முறை இந்தியப் பிரதமர்களைத் தேர்வு செய்து கொடுத்து "கிங் மேக்கர்'' என்று போற்றப்பட்டு "காலா காந்தி'' என்ற அடை மொழியையும் பெற்ற குடை சாயாத பெருமையும் அவருக்குச் சொந்தம்!
* கட்சிப்பணிக்காக முதல்-அமைச்சர் பதவியைத் தூக்கி எறிந்த துறவு மனமும் தூய்மைப்பாங்கும் அவருக்குச் சொந்தம்!
* கடைசி வரை வாடகை வீட்டிலேயே வாழ்ந்து, பத்து கதர் வேட்டி-சட்டையும், ஒரே நூறு ரூபாய்த்தாளும் தான் தம் இறுதிக்கையிருப்பு என்று உலகத்தாருக்குச் சொல்லாமல் சொல்லி விட்டு, தம் வாழ்க்கைப் பயணத்தை முடித்துக்கொண்ட சொக்கத்தங்கம் என்ற பெருமை அவருக்குச் சொந்தம்!
think of them as Sand paper.
They Scratch & hurt you,
but in the end you are polished and they are finished. ''
किस दृश्य को देखते ही भोले नाथ प्रसन्न होकर नाचने लगे?
किस दृश्य को देखते ही भोले नाथ प्रसन्न होकर नाचने लगे?
एक दिन शकुनी का बेटा महामूर्ख वृकासुर दैत्य तप करने की इच्छा से घर से बाहर निकला। जब उसने राह में नारद मुनि को आते देखा तब दण्डवत करके पुछा," हे मुनिनाथ ! मुझे तप करने की इच्छा है सो आप दयालु होकर बतलाओ कि ब्रह्मा , विष्णु व महेश तीनों देवताओं में जो तुरन्त प्रसन्न होकर वरदान देते हों उनका तप करूं।"
यह बात सुनकर नारदजी बोले,"हे वृकासुर ! इन तीनों देवताओं में महादेव जी तुरन्त वरदान देते हैं और थोड़ा सा अपराध करने पर अपना क्रोध क्षमा नहीं करते। उन्होंने सहस्त्रार्जुन के तप करने से प्रसन्न होकर उसको हजार भुजा दी थी इसलिए तुम शिव जी का तप करो तो जल्दी फल मिलेगा। जब नारद मुनि यह बात कहकर चले गए तब वृकासुर उसी समय केदारेश्वर की ओर गया।
" शिवकी मूरति थापिकरि अग्निकुण्ड के तीर !
बैठयो आसनमार के होमन लग्यो शरीर !! "
जब सात दिन व सात रात में उसने अपने अंग का सब मांस छुरी से काटकर हवन कर दिया और आठवें दिन स्नान करके अपना शिर काटना चाहा तब भोलानाथ ने अग्निकुण्ड से निकलकर उसका हाथ पकड़ लिया और अपने कमण्डलु का जल उस पर छिड़क दिया। जब उसके प्रताप से वृकासुर का अंग दिव्य रूप होकर कुन्दन समान चमकने लगा तब शिवजी ने कहा," हे वृकासुर ! हम तेरी पूजा से प्रसन्न हुए। अब तुझे जो इच्छा हो वरदान मांग।"
यह वचन सुनते ही वृकासुर ने हाथ जोड़कर विनय करी," हे महाप्रभु ! मुझे वरदान दीजिए कि जिसके सिर पर मैं अपना हाथ रख दूं वह उसी समय जलकर राख हो जाए।
यह बात सुन कर शिव जी ने विचार किया कि यह अधर्मी दैत्य ऐसा वरदान मांगकर संसारी जीवों को दुःख देना चाहता है पर क्या करूं वचन दे चुका हूं। यह समझकर महादेव जी बोले," बहुत अच्छा ! हमने मुंह मांगा वरदान तुम्हें दिया।"
जब वह दैत्य यह वरदान पाकर प्रसन्न हुआ तब उस अधर्मी ने पार्वती जी का रूप देखकर विचार किया कि इससे दूसरी बात उत्तम नहीं जो मैं अपना हाथ भोलेनाथ के सिर पर धरकर उन्हें भस्म कर दूं और पार्वती जी को अपने घर ले जाऊं। जब वह पापी ऐसा विचार कर शिव जी के मस्तक पर हाथ रखने चला तब महादेव जी सब लोकों और दशों दिशाओं में भागते फिर रहे थे पर उस दैत्य ने उनका पीछा नहीं छोड़ा।
जब ब्रह्मादिक कोई देवता शिव जी की रक्षा नहीं कर सके तब वे व्याकुल होकर वैकुण्ठनाथ की शरण में दौड़े चले गए और दण्डवत करके हाथ जोड़कर विनय करी," हे त्रिभुवनपति ! मैंने यह दुःख अपने ऊपर आप उठाया है। जिस उपाय से इस पापी दैत्य के हाथ से मेरे प्राण बचें वह उपाय कीजिए।"
शिव जी के मुख से ऐसे दीन वचन सुन कर नारायण जी भक्त हितकारी ने महादेव जी से कहा,"तुम धैर्य रखो। मैं इस संकट की घड़ी से तुम्हे निकालने का यत्न करता हूं।"
ऐसा कहकर वैकुण्ठ नाथ ने उसी समय ब्राह्मण रूप बना लिया और ऋषियों की तरह कमण्डल व मृगछाला लिए हुए वृकासुर के पास जाकर कहा,"हे वृकासुर ! तू इतना घबराया हुआ कहां भागा जाता है अपना समाचार हमसे तो बतलाओ।"
जब उस दैत्य ने वरदान पाने और अपनी इच्छा का हाल त्रिभुवनपति से कहा तब वैकुण्ठनाथ ऋषि रूप में बोले," तू बड़ा अज्ञानी है जो महादेवजी की बात पर विश्वास कर लिया। जो विष व धतुरा खाए, भूतों को साथ लिए मुण्डमाल व सर्पों का हार पहिने फिरा करते हैं,शास्त्रानुसार नहीं चलते, श्मशान पर बैठे हुए बौरोहों की तरह हंसते और नाचते हैं। उनको सच्चा मानकर इतना दुःख उठता है।
जब से दक्ष प्रजापति ने महादेव को श्राप दिया तब से सब बातें उनकी सच्ची नहीं होती इसलिए तुम अपने सिर पर हाथ रख कर पहिले उस वरदान की परीक्षा कर लो। जब तुम्हारे निकट उनका वचन सच ठहर जाए तब जो चाहना हो सो उनके साथ करना।"
यह सुनते ही वृकासुर ने परमेश्वर की माया से यह वचन सच्चा मानकर जैसे ही अपने सिर पर हाथ रखा वैसे ही जल कर राख का ढेर हो गया। यह दृश्य देखते ही भोले नाथ प्रसन्न होकर नाचने लगे। देवताओं ने आकाश से त्रिभुवन पति पर फूल बरसाए। उस समय आदि पुरुष भगवान ने महादेवजी से कहा कि," ऐसे अधर्मी दैत्य को इस तरह का वरदान देना उचित नहीं है। जगद्गुरु का अपराध करने से वह अपने दण्ड को प्राप्त हुआ।
यह बात सुनकर शिवजी ने विनय करी," हे महाप्रभु ! आप हमारी रक्षा करने वाले हो इसलिए हमसे अपराध भी हो जाता है।"
जब भोलेनाथ बहुत प्रकार से वैकुण्ठनाथ की स्तुति कर चुके तब त्रिभुवनपति ने उनको धैर्य देकर विदा किया।
जय भोले नाथ जय भोले बाबा हर हर महादेव हर हर महादेव
आप का पुत्र सनी कैथ
think of them as Sand paper.
They Scratch & hurt you,
but in the end you are polished and they are finished. ''
life and its moments
World War II veteran from Belarus Konstantin Pronin, 86, sits on a bench as he waits for his comrades at Gorky park during Victory Day in Moscow, Russia, on Monday, May 9, 2011. Konstantin comes to this place every year.
This year he was the only person from the unit to show.
Reddit
100s of galaxies seen through the Hubble Deep Field (HDF), as they were 10 billion years ago.
Sunset on Mars, taken in 2005 by the Spirit rover.
NASA
A soldier making the long walk to defuse a car bomb in Northern Ireland.
wikipedia
Neil Armstrong after his Moonwalk.
This was taken moments after Jewish refugees realized they weren't being sent to their deaths at the horrible concentration camps and were in fact being saved.
Ignorance is bliss – Homeless man sleeps outside a diner in Milwaukee.
Nazi rally at Nuremberg in 1937.
This photo was taken by astronaut Michael Collins, when he took this photo he was the only human, alive or dead, that wasn't in the frame of this picture. He travelled with Buzz Aldrin and Neil Armstrong and orbited the moon whilst they were landing to study the surface of the moon from farther out.
Lithuanian man in shock after accidentally hitting and killing an eight year old.
Turkish official teases starving Armenian children by showing them a piece of bread during the Armenian Genocide in 1915.
A Filipino politician took this photo of his family moments before being assassinated.
Two engineers died when the windmill they were working on caught fire. This might be the last picture taken of them alive. Picture was taken on October 29th, 2013 in the Netherlands.
A monk prays for a dead man in the station hall of the Shanxi Taiyuan Train Station, China. The man died suddenly of natural causes while waiting for a train.
Girl devastated after the tsunami that hit Japan in 2011.
The orange Sossusvlei sand dunes in Namibia.
Boy tries to wake up his alcoholic father.
"The last Jew in Vinnitsa" – Member of Einsatzgruppe D (a Nazi SS death squad) is just about to shoot a Jewish man kneeling before a filled mass grave in Vinnitsa, Ukraine, in 1941. All 28,000 Jews from Vinnitsa and its surrounding areas were massacred.
Man uses the suicide hotline on the Golden Gate Bridge.
Undulating clouds.
think of them as Sand paper.
They Scratch & hurt you,
but in the end you are polished and they are finished. ''