Monday 3 March 2014

अंग्रेजों ने सबसे खतरनाक हथियार के रूप में हिन्दू धर्म व् संस्कृति को ख़त्म करने के लिए कांग्रेस की स्थापना की....

1857 के पहले और करीब-करीब सफल स्वतंत्रता-आन्दोलन के बाद भारतीयों की मार से बुरी तरह घबराए अंग्रेजों ने देखा कि भारत में संस्कृती की जड़ें इतनी गहरी हैं कि अंग्रेजो के पास गोला बारूद और बंदूकें होते हुए भी आम भारतीयों, हर गांव में फैली सर्वखाप पंचायत के लड़ाकों ने अंग्रेजों को भागने व बिलों में दुबकने पर मजबूर कर दिया था ! 
अंग्रेजों ने जैसे-तैसे उस पर काबू पाया तथा भविष्य में कभी ऐसा ना हो इसके लिए योजना बनाई ! योजना बनाई गई भारतीयों के मानस हिन्दू धर्म और ग्रामीण जीवन पद्धति पर प्रहार करने की ! इस योजना के अनुसार अंग्रेजों ने भारत भर में बड़ी संख्या में वेश्यालय, शराब खाना, सिनेमा, IPC .., Arms Control Act जैसे हथियार रखने पर पाबन्दी आदि कानून और सबसे खतरनाक हथियार के रूप में हिन्दू धर्म व् संस्कृति को ख़त्म करने के लिए कांग्रेस की स्थापना की....

प्रारम्भ में भारतीय सिनेमा में सिर्फ भक्ति आधारित और धार्मिक फिल्में बनाई गयीं, जिससे सिनेमा को देश में प्रचारित किया जा सके ... ! आज़ादी तक धार्मिक फ़िल्में ही बनती रहीं... आज़ादी के बाद अचानक भूरी चमड़ी वाली अंग्रेजी राज की अगली कड़ी कांग्रेस ने बेहद बारीक और दूर-मारक साजिश के तहत प्रेम को फिल्मों का आधार बना दिया गया...., मौलवी, पादरी को महान दयालु, और आदि-काल से चाणक्य तक , और चाणक्य से आधुनिक काल तक सांस्कृतिक चैतन्य की अलख जगाए रखने वाले ब्राह्मण की छवि को साजिशन विद्रूप किया गया, उसे डरपोक और धर्म-भीरु दिखाया गया ! 
प्रेम के लिए मां-बाप और समाज से विद्रोह को फिल्मों का आधार बनाया गया... फिर प्रेम के लिए हिंसा और अब लिव-इन, वासना और सेक्स को फिल्मों का आधार बनाया जा रहा है..., युवा हिन्दू लड़कियों को लाचार और लव जिहाद जैसी घिनौनी साजिशों के लिए एक आसान शिकार मानते हुए तहजीब के नाम पर हर दुसरे गीत में आप अली, मौला और अल्ला-अल्ला को घुसा पाएंगे ! अगर बारीकी से देखेंगे तो भारत के मूल प्राण-तत्व हिन्दू धर्म के विरुद्ध क्या साजिश चल रही है, समझ में आ जायेगी....
और आज की फिल्म इंडस्ट्री में बैठे हुए कौन लोग हिन्दू धर्म के पीछे हाथ धो कर पड़े हुए हैं,, फिल्मों का मार्का देख कर ये बात आसानी से समझी जा सकती है, फिर भी यदि थोडा सा भी गौर किया जाए.., तो एकता कपूर, महेश भट्ट जैसे इस्लाम परस्त और माफ़िया के टुकड़ों पर नंगा नाचने वाले कीड़ों की सोच तो तुरंत ही दृष्टि-गोचर हो जाती है !

                                          ( hari krishnamurthy K. HARIHARAN)"
'' When people hurt you Over and Over
think of them as Sand paper.
They Scratch & hurt you,
but in the end you are polished and they are finished. ''
யாம் பெற்ற இன்பம் பெருக  வையகம் 
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