Wednesday 1 October 2014

मै यही कहता हूँ सभी मुसलमान भाइयों से की श्री राम की जगह (अयोध्या) में, श्री कृष्ण की जगह (मथुरा) में और भगवान् शिव की जगह काशी विश्वनाथ में जहां इन भगवानो के मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाये गए थे, वहां के बजाये हम आपको दूसरी जगह मस्जिद बना कर देंगे।


डॉ सुब्रमनियन स्वामी बताते है की सऊदी अरब में मस्जिद तोड़ते हैं क्योंकि वो कहते हैं की मस्जिद कोई धार्मिक स्थान नहीं है। यह बस एक नमाज पढने की जगह है और आप नमाज कही भी पढ़ सकते है। एक बार सऊदी अरब के राजा को अपना महल बनाना था और उसके लिए उसे जगह चाहिए थी तो उसने कहा की बिलाल मस्जिद को तोड़ डालो महल बनाने के लिए। इसपे लोगों ने कहा की इस मस्जिद में पैगम्बर मुहम्मद नमाज पढ़ते थे , इसे तो कम से कम मत तोड़ो, क्योंकि सऊदी अरब में कई बार सड़क बनाने के लिए मस्जिदों को तोड़ा जाता है। तब वहां के राजा ने कहा की खबरदार! ऐसी बात करने से तुम्हारे दिमाग में मूर्ति पूजा का विचार आ रहा है। इस्लाम में हम मूर्ति पूजा नहीं मानते हैं। क्या फर्क पड़ता है की पैगम्बर मुहम्मद ने यहाँ पर नमाज पढ़ा? यह एक मस्जिद है और इसे हम दूसरी जगह बनायेंगे।     मै यही कहता हूँ सभी मुसलमान भाइयों से की श्री राम की जगह (अयोध्या) में, श्री कृष्ण की जगह (मथुरा) में और भगवान् शिव की जगह काशी विश्वनाथ में जहां इन भगवानो के मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाये गए थे, वहां के बजाये हम आपको दूसरी जगह मस्जिद बना कर देंगे। लेकिन जहा मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाया गया है उन्हें आप छोड़ दो। मुस्लिम छोड़ने के लिए तैयार हैं, लेकिन कई लोग ऐसे हैं जो सोचते हैं की अगर हिन्दू मुस्लिम के बीच में भाईचारा की भावना आ जाएगी तो हम कहीं के नहीं रहेंगे इसलिए वो ऐसा होने नहीं देते। हम मुस्लिम, इसाई और बाकि धर्मो के लोगो को एक साथ तब जोड़ सकते हैं जब हम स्पष्ट बात करें। जो हम कहें वो करें, बस उनके वोट लेने के लिए नहीं।    http://www.youtube.com/watch?v=85YxApDtCco    Subramanian Swamy

डॉ सुब्रमनियन स्वामी बताते है की सऊदी अरब में मस्जिद तोड़ते हैं क्योंकि वो कहते हैं की मस्जिद कोई धार्मिक स्थान नहीं है। यह बस एक नमाज पढने की जगह है और आप नमाज कही भी पढ़ सकते है। एक बार सऊदी अरब के राजा को अपना महल बनाना था और उसके लिए उसे जगह चाहिए थी तो उसने कहा की बिलाल मस्जिद को तोड़ डालो महल बनाने के लिए। इसपे लोगों ने कहा की इस मस्जिद में पैगम्बर मुहम्मद नमाज पढ़ते थे , इसे तो कम से कम मत तोड़ो, क्योंकि सऊदी अरब में कई बार सड़क बनाने के लिए मस्जिदों को तोड़ा जाता है। तब वहां के राजा ने कहा की खबरदार! ऐसी बात करने से तुम्हारे दिमाग में मूर्ति पूजा का विचार आ रहा है। इस्लाम में हम मूर्ति पूजा नहीं मानते हैं। क्या फर्क पड़ता है की पैगम्बर मुहम्मद ने यहाँ पर नमाज पढ़ा? यह एक मस्जिद है और इसे हम दूसरी जगह बनायेंगे।

मै यही कहता हूँ सभी मुसलमान भाइयों से की श्री राम की जगह (अयोध्या) में, श्री कृष्ण की जगह (मथुरा) में और भगवान् शिव की जगह काशी विश्वनाथ में जहां इन भगवानो के मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाये गए थे, वहां के बजाये हम आपको दूसरी जगह मस्जिद बना कर देंगे। लेकिन जहा मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाया गया है उन्हें आप छोड़ दो। मुस्लिम छोड़ने के लिए तैयार हैं, लेकिन कई लोग ऐसे हैं जो सोचते हैं की अगर हिन्दू मुस्लिम के बीच में भाईचारा की भावना आ जाएगी तो हम कहीं के नहीं रहेंगे इसलिए वो ऐसा होने नहीं देते। हम मुस्लिम, इसाई और बाकि धर्मो के लोगो को एक साथ तब जोड़ सकते हैं जब हम स्पष्ट बात करें। जो हम कहें वो करें, बस उनके वोट लेने के लिए नहीं।

http://www.youtube.com/watch?v=85YxApDtCco



 परोपकाराय फलन्ति वृक्षा: परोपकाराय वहन्ति नद्यः।
 परोपकाराय दुहन्ति गावः परोपकाराय इदं शरीरम्।।
            
 
 
                                          ( hari krishnamurthy K. HARIHARAN)"
'' When people hurt you Over and Over think of them as Sand paper.
They Scratch & hurt you, but in the end you are polished and they are finished. ''
யாம் பெற்ற இன்பம் 
பெருக  வையகம் 
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