नवरात्रि अनुष्ठान का विधि- विधान :-
नवरात्रि साधना को दो भागें में बाँटा जा सकता है : एक उन दिनों की जाने वाली जप संख्या एवं विधान प्रक्रिया। दूसरे आहार- विहार सम्बन्धी प्रतिबन्धों की तपश्चर्या ।। दोनों को मिलाकर ही अनुष्ठान पुरश्चरणों की विशेष साधना सम्पन्न होती है।
जप संख्या के बारे में विधान यह है कि ९ दिनों में २४ हजार गायत्री मन्त्रों का जप पूरा होना चाहिए। कारण २४ हजार जप का लघु गायत्री अनुष्ठान होता है। प्रतिदिन २७ माला जप करने से ९ दिन में २४० मालायें अथवा २४०० मंत्र जप पूरा हो जाता है। माला में यों १०८ दाने होते हैं पर ८ अशुद्ध उच्चारण अथवा भूल- चूक का हिसाब छोड़ कर गणना १०० की ही की जाती है। इसलिये प्रतिदिन २७ माला का क्रम रखा जाता है। मोटा अनुपात घण्टे में ११- ११ माला का रहता है। इस प्रकार प्रायः २(१/२) घण्टे इस जप में लग जाते हैं। चूंकि उसमें संख्या विधान मुख्य है इसलिए गणना के लिए माला का उपयोग आवश्यक है। सामान्य उपासना में घड़ी की सहायता से ४५ मिनट का पता चल सकता है, पर जप में गति की न्यूनाधिकता रहने से संख्या की जानकारी बिना माला के नहीं हो सकती। अस्तु नवरात्रि साधना में गणना की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए माला का उपयोग आवश्यक माना गया है।
आजकल हर बात में नकलीपन की भरमार है। मालाएँ भी बाजार में नकली लकड़ी की बिकती हैं। अच्छा यह है कि उसमें छल- कपट न हो जिस चीज की है उसी की जानी और बताई जाय। कुछ के बदले में कुछ मिलने का भ्रम न रहे। तुलसी, चन्दन और रूद्राक्ष की मालाएँ अधिक पवित्र मानी गई हैं। इनमें से प्रायः चन्दन की ही आसानी से मिल सकती हैं। गायत्री तप मे तुलसी की माला को प्रधान माना गया है, पर वह अपने यहाँ बोई हुई सूखी लकड़ी की हो और अपने सामने बने तो ही कुछ विश्वास की बात हो सकती है। बाजार में अरहर की लकड़ी ही तुलसी के नाम पर हर दिन टनों की तादाद में बनती और बिकती देखी जाती है। हमें चन्दन की माला ही आसानी से मिल सकेगी यों उसमें भी लकड़ी पर चन्दन का सेन्ट चुपड़ का धोखे बाजी खूब चलती है। सावधानी बरतने पर सह समस्या आसानी से हल हो सकती है और असली चन्दन की माला मिल सकती है।
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Navratri silence can be divided into two bhagen: one of those days when you want to number, and legislative process. Other diet-sanctuary on pratibandhon of tapashcharya.. All the ritual practices of both purashcharnon is concluded.
Chanting about legislation that 9 days 24 thousand chanting of Gayatri mantron must be completed. The reason is short of 24 thousand chanting Gayatri ritual. Daily from 9 day chanting the Rosary 27 240 malayen or 2,400 mantra chanting is complete. There are 108 beads in a rather rash on faux accent or forgotten-defaults except the count is of 100. What is the order of the Rosary 27 per day. Fat ratio is 11-11 Garland of hours. This type is usually 2 (1/2) hours this takes in chanting. Since it is the main legislation therefore the number must use beads for counting. General acts with the help of 45 minutes of clock to be running, but the number of nyunadhikta living in chanting speed without the information may not be of the Rosary. Astu navratri need calculated in silence considering use of the Rosary is considered essential.
Nowadays, every thing is full of naklipan. Malaen are also market where fake wood. The good is that it may not have the finesse maneuver-to be the same thing and said go. Some illusion of getting something in return are not. Basil, sandalwood and are considered more malaen of Holy Rudraksha. These often can be found with ease of sandalwood. Gayatri who was to head a Garland of tulsi in, but it was dry wood and boi here in front of her made something similar might be a matter of confidence. The name of the same wood TUR Basil tonnes paired in droves every day and where it is located. We will get the same why easy sandalwood beads also on wood sandalwood runs plenty of deception of Saint chupad stake. Caution may resolve the problem easily cum on and can get real sandalwood beads.
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'' When people hurt you Over and Over think of them as Sand paper.They Scratch & hurt you, but in the end you are polished and they are finished. ''"Keep away from people who try to belittle your ambitions. Small people always do that, but the really great ones make you feel that you too, can become great."- Mark Twain.
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