125 करोड़ में बनाए 1500 कमरे दान
चेन्नई. कभी दो सॉफ्टवेयर कंपनियों के मालिक रहे 63 वर्षीय केवी रमणी अब कारोबारी दुनिया से पूरी तरह मुक्त हैं। दस साल पहले 235 करोड़ रुपए में अपनी दो सॉफ्टवेयर कंपनियां बेचकर रमणी ने सवा सौ करोड़ रुपए शिरडी में लगाए। इस पैसे से उन्होंने श्रद्धालुओं के रुकने के लिए 1536 कमरे बनाकर दिए। करीब नौ हजार लोगों की क्षमता का यह परिसर हाल ही में शिरडी संस्थान को सौंपा है और देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं की चहल-पहल से आबाद है।
चेन्नई से 40 किमी दूर...
चेन्नई से 40 किमी दूर ईस्ट-कोस्ट रोड पर कृष्णनकरनाई गांव में समुद्र किनारे स्थापित साईं मंदिर ही रमणी की कर्मभूमि है। दस साल से हर शाम की आरती में रमणी यहां होते हैं। बची हुई जमापूंजी से लोगों की मदद का एक अकेला काम उन्होंने अपने हिस्से में रखा है। फिजिक्स में ग्रेजुएट रमणी ने 1979 में आईबीएम में सिस्टम एनालिसिस प्रोग्रामर की नौकरी शुरू की थी। अगले पंद्रह सालों तक वे कई कंपनियों में काम करते रहे। फिर फ्यूचर सॉफ्टवेयर नाम से अपनी कंपनी बनाई। अमेरिका, इंग्लैंड और चीन समेत 10 देशों में उनका कारोबार लगातार फैलता गया।
परोपकाराय फलन्ति वृक्षा: परोपकाराय वहन्ति नद्यः।
परोपकाराय दुहन्ति गावः परोपकाराय इदं शरीरम्।।
( hari krishnamurthy K. HARIHARAN)"
'' When people hurt you Over and Over
think of them as Sand paper.
They Scratch & hurt you,
but in the end you are polished and they are finished. ''
think of them as Sand paper.
They Scratch & hurt you,
but in the end you are polished and they are finished. ''
யாம் பெற்ற இன்பம் பெருக வையகம்
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