हरिवंशरायबच्चन
Lovely message :
कुए में उतरने वाली बाल्टी यदि झुकती है,
तो भरकर बाहर आती है...
तो भरकर बाहर आती है...
जीवन का भी यही गणित है,
जो झुकता है वह प्राप्त करता है...
जीवन में किसीका भला करोगे तो लाभ होगा...
क्योंकि भला का उल्टा लाभ होता है।
और जीवन में किसी पर दया करोगे तो वो याद करेगा...
क्योंकि दया का उल्टा याद होता है।
जो झुकता है वह प्राप्त करता है...
जीवन में किसीका भला करोगे तो लाभ होगा...
क्योंकि भला का उल्टा लाभ होता है।
और जीवन में किसी पर दया करोगे तो वो याद करेगा...
क्योंकि दया का उल्टा याद होता है।
भरी जेबने 'दुनिया' की पहेचान करवाई और खाली जेबने 'इन्सानो' की.
जब लगे पैसा कमाने, तो समझआया,
जब लगे पैसा कमाने, तो समझआया,
शौक तो मां-बाप के पैसों से पुरे होते थे,
अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पुरी होती है।
माचिस की ज़रूरत यहाँ नहीं पड़ती,
यहाँ आदमी आदमी से जलता है..
दुनिया के बड़े से बड़े साइंटिस्ट ये ढूँढ रहे है
की मंगल ग्रह पर जीवन है या नहीं?
पर आदमी ये नहीं ढूँढ रहा कि
जीवन में मंगल है या नही..!!
ज़िन्दगी में ना ज़ाने कौन सी बात "आख़री" होगी,
ना ज़ाने कौन सी रात "आख़री" होगी..
ना ज़ाने कौन सी रात "आख़री" होगी..
मिलते, जुलते, बातें करते रहो यार एक दूसरे से,
ना जाने कौन सी "मुलाक़ात" आख़री होगी..
अगर जींदगी मे कुछ पाना हो तो तरीके बदलो,
ईरादे नही.. ग़ालिब ने खूब कहा है..:
ऐ चाँद तू किस मजहब का है ?
ईद भी तेरी और करवा चौथ भी तेरा..
ना जाने कौन सी "मुलाक़ात" आख़री होगी..
अगर जींदगी मे कुछ पाना हो तो तरीके बदलो,
ईरादे नही.. ग़ालिब ने खूब कहा है..:
ऐ चाँद तू किस मजहब का है ?
ईद भी तेरी और करवा चौथ भी तेरा..
परोपकाराय फलन्ति वृक्षा: परोपकाराय वहन्ति नद्यः।
परोपकाराय दुहन्ति गावः परोपकाराय इदं शरीरम्।।
( hari krishnamurthy K. HARIHARAN)"
'' When people hurt you Over and Over
think of them as Sand paper.
They Scratch & hurt you,
but in the end you are polished and they are finished. ''
think of them as Sand paper.
They Scratch & hurt you,
but in the end you are polished and they are finished. ''
யாம் பெற்ற இன்பம் பெருக வையகம்
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