आज शनिवार है और शास्त्रो के अनुसार आज शनि देव को पूजा जाता है. शास्त्रो में शनि देव को दण्डाधिकारी माना गया है. ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार शनि के बुरे असर से कई तरह की शारीरिक पीड़ा होती है. शनि दोष से पैरों की बीमारी, गैस की समस्या, लकवा, वात और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. शनि दोष से पैदा हुए ऐसे ही रोगों से छुटकारे और बचाव के लिए वैदिक शनि मंत्र असरदार माना गया है. आइये हम आपको बताते है शनिदेव के स्मरण का यह विशेष मंत्र और आसान पूजा विधि:-
संजा माता जीम ले.. जीमाउ सारी रात... चटक चांदनी रात...
आज के दिन सुबह स्नान कर घर या नवग्रह मंदिर में शनिदेव की गंध, अक्षत, काले तिल, उड़द और तिल का तेल चढ़ाकर पूजा करें. पूजा करने के बाद नीचे दिए गए वैदिक मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करे.
ऊँ शन्नो देवीरभीष्टय, आपो भवन्तु पीतये। शं योरभिस्त्रवन्तु न:।।
मंत्र जाप के बाद शनिदेव से पूजा या मंत्र जप में हुई गलती के लिए क्षमा मांगे. इसके बाद अपनी और अपने परिवार की बीमारी से छुटकारे के लिए प्रार्थना करें.
think of them as Sand paper.
They Scratch & hurt you,
but in the end you are polished and they are finished. ''
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