Sunday, 22 November 2015

. सभी ईमानदार डॉक्टर्स से क्षमा सहित प्रार्थना
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आपके पिता जी को "हार्ट अटैक" हो गया...
डॉक्टर कहता है Streptokinase इंजेक्शन ले के आओ...
9000 रु का... इंजेक्शन की असली कीमत 700 - 900 रु के बीच है... पर उसपे MRP 9000 का है।
आप क्या करेंगे??
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आपके बेटे को टाइफाइड हो गया...
डॉक्टर ने लिख दिया कुल 14 Monocef लगेंगे।
होलसेल दाम 25 रु है.
अस्पताल का केमिस्ट आपको 53 रु में देता है...
आप क्या करेंगे??
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आपकी माँ की किडनी फेल हो गयी है...
हर तीसरे दिन Dialysis होता है...
Dialysis के बाद एक इंजेक्शन लगता है
MRP शायद 1800 रु है।
आप सोचते हैं की बाज़ार से होलसेल मार्किट से ले लेता हूँ।
पूरा हिन्दुस्तान आप खोज मारते हैं, कही नहीं मिलता... क्यों?
कम्पनी सिर्फ और सिर्फ डॉक्टर को सप्लाई देती है।
इंजेक्शन की असली कीमत 500 है पर डॉक्टर अपने अस्पताल में MRP पे यानि 1800 में देता है...
आप क्या करेंगे ??
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आपके बेटे को इन्फेक्शन हो गया है...
डॉक्टर ने जो Antibiotic लिखी वो 540 रु का एक पत्ता है.
वही salt किसी दूसरी कम्पनी का 150 का है और जेनेरिक 45 रु का...
पर केमिस्ट आपको मना कर देता है... नहीं जेनेरिक हम रखते ही नहीं, दूसरी कम्पनी की देंगे नहीं...
वही देंगे जो डॉक्टर साहब ने लिखी है... यानी 540 वाली?
आप क्या करेंगे??
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बाज़ार में Ultrasound 750 रु में होता है...
चैरिटेबल डिस्पेंसरी 240 रु में करती है।
750 में डॉक्टर का कमीशन 300 रु है।
MRI में डॉक्टर का कमीशन 2000 से 3000 के बीच है।
डॉक्टर और अस्पतालों की ये लूट, ये नंगा नाच बेधड़क बेखौफ्फ़ देश में चल रहा है।
Pharmaceutical कम्पनियों की lobby इतनी मज़बूत है की उसने देश को सीधे सीधे बंधक बना रखा है।
स्वास्थय मंत्रालय और सरकार एकदम लाचार है।
डॉक्टर्स और दवा कम्पनियां मिली हुई हैं।
दोनों मिल के सरकार को ब्लैकमेल करते हैं...
सरकार पुरी तरह लाचार है? या नकारा?
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सबसे बडा यक्ष प्रश्न...
मीडिया दिन रात क्या दिखाता है
गड्ढे में गिरा प्रिंस...
बिना ड्राईवर की कार,
लाल किताब बेचता है,
राखी सावंत, Bigboss
सास बहू और साज़िश,
सावधान, क्राइम रिपोर्ट,
Cricketar की Girl friend,
समोसे के साथ बाबाजी की हरी चटनी,
ये सब दिखाता है किंतु...
Doctors, Hospitals और Pharmaceutical कम्पनियों की ये खुली लूट क्यों नहीं दिखाता?
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मीडिया नहीं दिखाएगा तो कौन दिखाएगा ?
मेडिकल Lobby की दादागिरी कैसे रुकेगी ?
इस Lobby ने सरकार को लाचार कर रखा है।
media क्यों चुप है ?
क्या मीडिया को भी खरीद लिया है फार्मा कंपनियों ने ?
20 रु मांगने पर ऑटो वाले को तो आप कालर पकड़ के मारेंगे चार झापड़...
डॉक्टर साहब का क्या करेंगे??
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यदि आपको ये सत्य लगता है तो करदो फ़ॉरवर्ड सबको।
जागरूकता लाइए और दूसरों को भी जागरूक बनाने में अपना सहयोग दीजिये।
- भारत जागरण मंच

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